उत्तर - जिस समास में दोनों पद प्रधान होता है , वहां द्वन्द्व समास होता है | समास विग्रह करते समय और ,या, एवं आदि का प्रयोग किया जाता है | जैसे -
सामासिक शब्द विग्रह
माता-पिता माता और पिता
देश-विदेश देश और विदेश
रात- दिन रात और दिन
लम्बा-चौड़ा लंबा एवं चौड़ा
लाभ- हानि लाभ या हानि
अमीर-गरीब अमीर और गरीब
नर-नारी नर और नारी
भरा पूरा भरा और पूरा
भला- बुरा भला या बुरा
पाप- पुण्य पाप या पुण्य
देवासुर देव और असुर
राधाकृष्ण राधा और कृष्ण
धनुर्वाण धनुष और वाण
हरिशंकर हरि और शंकर
द्वंद्व समास के प्रकार
इस समास को तीन भागों में बाँटा गया है-
(अ) इतरेतर द्वंद्व - जहाँ दोनों पदों का बराबर महत्त्व होता है ,वहाँ इतरेतर द्वंद्व समास होता है।
जैसे- माता- पिता खाना खा रहे हैं।
यहाँ पर माता और पिता दोनों खाना खा रहे है का आशय व्यक्त होता है । अर्थात दोनों पदों का महत्त्व समान है।
इस समास का विग्रह और, एवं, तथा,व आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
(ब) विकल्प द्वन्द्व - दोनों पदों में से किसी एक पद (विकल्प) का अर्थ सही होता है। जैसे- व्यापार में घट- बढ़ हो रही है। इस वाक्य में घट- बढ़ सामासिक पद है। व्यापार में किसी एक समय में घट होगी या बढ़ होगी। अतः यहाँ पर घट अथवा बढ़ में से कोई एक विकल्प किसी व्यापार में घटित होगा।
इस समास का विग्रह 'या' , 'अथवा' शब्दों की सहायता से किया जाता है।
(स) समाहार द्वंद्व - जब सामासिक पद में दो से अधिक समूह का बोध हो, समाहार द्वंद्व समास कहलाता है। जैसे- हाथ- पाँव बचाकर काम करें। इस वाक्य में हाथ- पाँव सामासिक पद है। यहाँ इस पद का अर्थ हाथ पैर आदि बचाकर कार्य करने से है। ( सिर्फ हाथ-पैर ही नहीं शरीर के अन्य अंगों को भी बचाकर कार्य करने के लिए कहा जा रहा है।
इस समास का विग्रह 'आदि', 'इत्यादि' शब्दों के साथ किया जाता है।
सामासिक शब्द विग्रह
माता-पिता माता और पिता
देश-विदेश देश और विदेश
रात- दिन रात और दिन
लम्बा-चौड़ा लंबा एवं चौड़ा
लाभ- हानि लाभ या हानि
अमीर-गरीब अमीर और गरीब
नर-नारी नर और नारी
भरा पूरा भरा और पूरा
भला- बुरा भला या बुरा
पाप- पुण्य पाप या पुण्य
देवासुर देव और असुर
राधाकृष्ण राधा और कृष्ण
धनुर्वाण धनुष और वाण
हरिशंकर हरि और शंकर
द्वंद्व समास के प्रकार
इस समास को तीन भागों में बाँटा गया है-
(अ) इतरेतर द्वंद्व - जहाँ दोनों पदों का बराबर महत्त्व होता है ,वहाँ इतरेतर द्वंद्व समास होता है।
जैसे- माता- पिता खाना खा रहे हैं।
यहाँ पर माता और पिता दोनों खाना खा रहे है का आशय व्यक्त होता है । अर्थात दोनों पदों का महत्त्व समान है।
इस समास का विग्रह और, एवं, तथा,व आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
(ब) विकल्प द्वन्द्व - दोनों पदों में से किसी एक पद (विकल्प) का अर्थ सही होता है। जैसे- व्यापार में घट- बढ़ हो रही है। इस वाक्य में घट- बढ़ सामासिक पद है। व्यापार में किसी एक समय में घट होगी या बढ़ होगी। अतः यहाँ पर घट अथवा बढ़ में से कोई एक विकल्प किसी व्यापार में घटित होगा।
इस समास का विग्रह 'या' , 'अथवा' शब्दों की सहायता से किया जाता है।
(स) समाहार द्वंद्व - जब सामासिक पद में दो से अधिक समूह का बोध हो, समाहार द्वंद्व समास कहलाता है। जैसे- हाथ- पाँव बचाकर काम करें। इस वाक्य में हाथ- पाँव सामासिक पद है। यहाँ इस पद का अर्थ हाथ पैर आदि बचाकर कार्य करने से है। ( सिर्फ हाथ-पैर ही नहीं शरीर के अन्य अंगों को भी बचाकर कार्य करने के लिए कहा जा रहा है।
इस समास का विग्रह 'आदि', 'इत्यादि' शब्दों के साथ किया जाता है।